السلام علیکم و رحمة اللہ و برکاتہ

(Peace, Mercy And Blessings Of Allah Be Upon You)

Sunday, April 11, 2010

क़ुरआन सबके लिए है


क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!

ये तेरे लिए और मेरे लिए है
क़ुरआन का ज्ञान सबके लिए है
सूरज और चंदा, तारों की भांति
बरखा की रिमझिम फुहारों की भांति
धरती और अंबर, सागर की भांति
ईश्वर का वरदान सबके लिए है
क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!
कल्याण मानव का इसमें निहित है
असहाय निर्बल का भी इसमें हित है
आदम की संतान सब हैं, लिखित है
मानव का सम्मान सबके लिए है
क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!
मदिरा के रसिकों से मदिरा छुड़ाई
निषिद्ध हो गई ब्याज की पाई पाई
वंश और कुल की भी टूटी बड़ाई
प्रभु प्रेम ही मान सबके लिए है
क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!
नवजात बेटी की हत्या को रोका
कम तौलने पर भी लोगों को टोका
नहीं झूठ के वास्ते कोई मौक़ा
सच्चाई में मान सबके लिए है
क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!
नारी के सिर पर गरिमा की चादर
माता को तिगुना दिलाया है आदर
माथा टिकाओ न तुम अपना दर-दर
इसका यह आह्वान सबके लिए है
क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!
बर्बर डकेतों को रक्षक बनाया
सदियों के शत्रुओं को भ्राता बनाया
ऐसी है क़ुरआन की ठंडी छाया
सफलता का सौपान सबके लिए है
क़ुरआन सबके लिए है! क़ुरआन सबके लिए है!!

-डा. मुहम्मद इक़बाल सिद्दीक़ी